मंदिर में जूता पहनकर जाने से रोका तो हंगामा; पुलिस ने कराया समझौता



झांसी. सीपरी बाजार इलाके के आरी गांव में रविवार को उच्च जाति के लोगों ने पूजा करने आए दलित दुल्हा-दुल्हन सहित परिवार को मंदिर में जाने से रोक दिया। इतना हीं नहीं उन्हें बंधक बनाकर धमकाया जाने लगा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें मुक्त कराया। इसके बाद पीड़ित पक्ष शिकायत लेकर थाने पहुंच गया। पुलिस ने दोनों पक्षों में समझौता कराया है।

19 अप्रैल को हुई थी शादी
झांसी जिले के सीपरी थानान्तर्गत अम्बावॉय में रहने वाली करिश्मा की शादी 19 अप्रैल को रेलवे कालोनी में रहने वाले वीर सिंह अहिरवार के साथ हुई थी। वीर सिंह का कहना है कि उसका पैतृक गांव सीपरी बाजार थानान्तर्गत आरी है। आरोप है कि शादी के बाद रविवाद की सुबह वह अपनी दुल्हन और परिवार के साथ पूजा करने के लिए पैतृक गांव आरी गया हुआ था। जहां पूजा के लिए वह देवी के मंदिर में अंदर घुसा। तभी यह देख वहां उच्च जाति के ग्रामीण पहुंच गए और गाली गलौज करते हुए उन्हें धक्का देकर मंदिर से बाहर निकाल दिया।

इसका विरोध करने पर उन्होंनें दूल्हा-दुल्हन समेत परिवार को बंधक बना लिया। साथ ही धमकाते हुए कहा कि वह दलित हैं वह मंदिर में नहीं आ सकते है। पिछले 20 सालों से कोई भी दलित मंदिर में नहीं आ सका है। उनकी हिम्मत कैसी है। यह देख कुछ लोगों ने यूपी-100 पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही यूपी-100 पुलिस मौके पर पहुंची और बंधक दूल्हा-दुल्हन समेत परिवार को मुक्त कराया।

पुलिस ने कहा- जूता पहन मंदिर में घुसने का हुआ था विरोध

आरोपी पक्ष के कुछ लोगों को हिरासत में लेकर थाने की पुलिस को सूचना दी।पीड़ित दूल्हा अपने परिवार के साथ थाने की पुलिस के पास पहुंचा। जहां मामले की जानकारी ली गई। एसएसपी डॉक्टर ओपी सिंह ने कहा कि, एक व्यक्ति मंदिर में चप्पल पहनकर चला गया था तो मंदिर के पुजारी ने उसे भगाया था। दोनों पक्षों में समझौता हो गया है।

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